गुजरात के अहमदाबाद के हाथीजन इलाके में एक दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पालतू कुत्ते ने मासूम 4 महीने की बच्ची पर हमला कर उसे नोंच-नोंच कर मार डाला। कुत्ते के इस हमले में बच्ची की मौसी भी गंभीर रूप से घायल हो गईं, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा था लेकिन उनकी भी मौत हो गई। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है।

घटना का पूरा विवरण

यह हादसा हाथीजन क्षेत्र के राधे रेजिडेंसी में हुआ। घटना उस वक्त घटी जब एक युवती अपने पालतू रोटवीलर कुत्ते के साथ बाहर निकली थी। बताया गया है कि युवती फोन पर बात कर रही थी, इसी दौरान कुत्ता उसके हाथों से छूट गया और अचानक खूंखार हो गया। उसने खेल रहे बच्चों में से एक 4 महीने की मासूम बच्ची पर हमला कर दिया।

बच्चों की चीख-पुकार सुनकर बच्ची की मौसी मौके पर आई तो उसने मासूम को बचाने की कोशिश की, लेकिन रोटवीलर ने उस पर भी हमला कर दिया। मौसी गंभीर रूप से घायल हो गईं और अस्पताल में भर्ती कराई गईं, जहां इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई।

पुलिस और नगर निगम की कार्रवाई

घटना के बाद मृतक बच्ची के परिवार में कोहराम मच गया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कुत्ते के मालिक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। अहमदाबाद नगर निगम की सीएनसीडी विभाग की टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए खूंखार कुत्ते को पिंजरे में बंद कर दिया है।

रोटवीलर और अन्य आक्रामक नस्लों के कुत्तों से सावधानी जरूरी

जानकारी के मुताबिक, रोटवीलर कुत्ते आक्रामक नस्ल में आते हैं। इसके अलावा पिटबुल, पोमेरेनियन, जर्मन शेफर्ड और डोबर्मन जैसी नस्लें भी आक्रामक मानी जाती हैं। पशु चिकित्सक और विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि इन नस्लों के कुत्तों को पालते वक्त विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे कुत्तों को उचित प्रशिक्षण देना आवश्यक है ताकि वे समाज के लिए खतरा न बनें। यदि कुत्ते में अत्यधिक आक्रामकता दिखे तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। पहली बार कुत्ता पालने वाले लोगों को इन नस्लों से बचना चाहिए। आक्रामक व्यवहार के मामलों में व्यवहार विशेषज्ञों की मदद लेना भी जरूरी होता है।

जागरूकता और जिम्मेदारी की जरूरत

इस हादसे ने साफ कर दिया है कि पालतू जानवरों के प्रति जिम्मेदारी और सतर्कता बेहद जरूरी है। मालिकों को चाहिए कि वे अपने पालतू कुत्तों को हमेशा नियंत्रित रखें और उन्हें बाहर निकालते वक्त किसी भी स्थिति में सावधानी बरतें ताकि ऐसी जानलेवा घटनाएं दोबारा न हों।

यह दुखद घटना अहमदाबाद के हाथीजन इलाके की जनता के लिए एक चेतावनी है कि पालतू जानवरों के साथ सुरक्षा के उपायों को लेकर गंभीरता जरूरी है। वहीं, प्रशासन से भी मांग की जा रही है कि कुत्तों के मालिकों की निगरानी कड़ी की जाए और ऐसे कुत्तों को पालने वाले लोगों को आवश्यक प्रशिक्षण व अनुमति प्रणाली लागू की जाए।

यह घटना मासूमों की सुरक्षा और जानवरों के प्रति जिम्मेदारी पर गहरी छाप छोड़ती है। पूरे समाज को चाहिए कि वह इस विषय पर संवेदनशील होकर पालतू जानवरों के पालन-पोषण को नियंत्रित करे और ऐसी दर्दनाक घटनाओं को पुनः होने से रोके।

गुजरात के अहमदाबाद के हाथीजन इलाके में एक दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पालतू कुत्ते ने मासूम 4 महीने की बच्ची पर हमला कर उसे नोंच-नोंच कर मार डाला। कुत्ते के इस हमले में बच्ची की मौसी भी गंभीर रूप से घायल हो गईं, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा था लेकिन उनकी भी मौत हो गई। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है।

घटना का पूरा विवरण

यह हादसा हाथीजन क्षेत्र के राधे रेजिडेंसी में हुआ। घटना उस वक्त घटी जब एक युवती अपने पालतू रोटवीलर कुत्ते के साथ बाहर निकली थी। बताया गया है कि युवती फोन पर बात कर रही थी, इसी दौरान कुत्ता उसके हाथों से छूट गया और अचानक खूंखार हो गया। उसने खेल रहे बच्चों में से एक 4 महीने की मासूम बच्ची पर हमला कर दिया।

बच्चों की चीख-पुकार सुनकर बच्ची की मौसी मौके पर आई तो उसने मासूम को बचाने की कोशिश की, लेकिन रोटवीलर ने उस पर भी हमला कर दिया। मौसी गंभीर रूप से घायल हो गईं और अस्पताल में भर्ती कराई गईं, जहां इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई।

पुलिस और नगर निगम की कार्रवाई

घटना के बाद मृतक बच्ची के परिवार में कोहराम मच गया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कुत्ते के मालिक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। अहमदाबाद नगर निगम की सीएनसीडी विभाग की टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए खूंखार कुत्ते को पिंजरे में बंद कर दिया है।

रोटवीलर और अन्य आक्रामक नस्लों के कुत्तों से सावधानी जरूरी

जानकारी के मुताबिक, रोटवीलर कुत्ते आक्रामक नस्ल में आते हैं। इसके अलावा पिटबुल, पोमेरेनियन, जर्मन शेफर्ड और डोबर्मन जैसी नस्लें भी आक्रामक मानी जाती हैं। पशु चिकित्सक और विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि इन नस्लों के कुत्तों को पालते वक्त विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे कुत्तों को उचित प्रशिक्षण देना आवश्यक है ताकि वे समाज के लिए खतरा न बनें। यदि कुत्ते में अत्यधिक आक्रामकता दिखे तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। पहली बार कुत्ता पालने वाले लोगों को इन नस्लों से बचना चाहिए। आक्रामक व्यवहार के मामलों में व्यवहार विशेषज्ञों की मदद लेना भी जरूरी होता है।

जागरूकता और जिम्मेदारी की जरूरत

इस हादसे ने साफ कर दिया है कि पालतू जानवरों के प्रति जिम्मेदारी और सतर्कता बेहद जरूरी है। मालिकों को चाहिए कि वे अपने पालतू कुत्तों को हमेशा नियंत्रित रखें और उन्हें बाहर निकालते वक्त किसी भी स्थिति में सावधानी बरतें ताकि ऐसी जानलेवा घटनाएं दोबारा न हों।

यह दुखद घटना अहमदाबाद के हाथीजन इलाके की जनता के लिए एक चेतावनी है कि पालतू जानवरों के साथ सुरक्षा के उपायों को लेकर गंभीरता जरूरी है। वहीं, प्रशासन से भी मांग की जा रही है कि कुत्तों के मालिकों की निगरानी कड़ी की जाए और ऐसे कुत्तों को पालने वाले लोगों को आवश्यक प्रशिक्षण व अनुमति प्रणाली लागू की जाए।

यह घटना मासूमों की सुरक्षा और जानवरों के प्रति जिम्मेदारी पर गहरी छाप छोड़ती है। पूरे समाज को चाहिए कि वह इस विषय पर संवेदनशील होकर पालतू जानवरों के पालन-पोषण को नियंत्रित करे और ऐसी दर्दनाक घटनाओं को पुनः होने से रोके।

गुजरात के अहमदाबाद के हाथीजन इलाके में एक दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पालतू कुत्ते ने मासूम 4 महीने की बच्ची पर हमला कर उसे नोंच-नोंच कर मार डाला। कुत्ते के इस हमले में बच्ची की मौसी भी गंभीर रूप से घायल हो गईं, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा था लेकिन उनकी भी मौत हो गई। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है।

घटना का पूरा विवरण

यह हादसा हाथीजन क्षेत्र के राधे रेजिडेंसी में हुआ। घटना उस वक्त घटी जब एक युवती अपने पालतू रोटवीलर कुत्ते के साथ बाहर निकली थी। बताया गया है कि युवती फोन पर बात कर रही थी, इसी दौरान कुत्ता उसके हाथों से छूट गया और अचानक खूंखार हो गया। उसने खेल रहे बच्चों में से एक 4 महीने की मासूम बच्ची पर हमला कर दिया।

बच्चों की चीख-पुकार सुनकर बच्ची की मौसी मौके पर आई तो उसने मासूम को बचाने की कोशिश की, लेकिन रोटवीलर ने उस पर भी हमला कर दिया। मौसी गंभीर रूप से घायल हो गईं और अस्पताल में भर्ती कराई गईं, जहां इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई।

पुलिस और नगर निगम की कार्रवाई

घटना के बाद मृतक बच्ची के परिवार में कोहराम मच गया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कुत्ते के मालिक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। अहमदाबाद नगर निगम की सीएनसीडी विभाग की टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए खूंखार कुत्ते को पिंजरे में बंद कर दिया है।

रोटवीलर और अन्य आक्रामक नस्लों के कुत्तों से सावधानी जरूरी

जानकारी के मुताबिक, रोटवीलर कुत्ते आक्रामक नस्ल में आते हैं। इसके अलावा पिटबुल, पोमेरेनियन, जर्मन शेफर्ड और डोबर्मन जैसी नस्लें भी आक्रामक मानी जाती हैं। पशु चिकित्सक और विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि इन नस्लों के कुत्तों को पालते वक्त विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे कुत्तों को उचित प्रशिक्षण देना आवश्यक है ताकि वे समाज के लिए खतरा न बनें। यदि कुत्ते में अत्यधिक आक्रामकता दिखे तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। पहली बार कुत्ता पालने वाले लोगों को इन नस्लों से बचना चाहिए। आक्रामक व्यवहार के मामलों में व्यवहार विशेषज्ञों की मदद लेना भी जरूरी होता है।

जागरूकता और जिम्मेदारी की जरूरत

इस हादसे ने साफ कर दिया है कि पालतू जानवरों के प्रति जिम्मेदारी और सतर्कता बेहद जरूरी है। मालिकों को चाहिए कि वे अपने पालतू कुत्तों को हमेशा नियंत्रित रखें और उन्हें बाहर निकालते वक्त किसी भी स्थिति में सावधानी बरतें ताकि ऐसी जानलेवा घटनाएं दोबारा न हों।

यह दुखद घटना अहमदाबाद के हाथीजन इलाके की जनता के लिए एक चेतावनी है कि पालतू जानवरों के साथ सुरक्षा के उपायों को लेकर गंभीरता जरूरी है। वहीं, प्रशासन से भी मांग की जा रही है कि कुत्तों के मालिकों की निगरानी कड़ी की जाए और ऐसे कुत्तों को पालने वाले लोगों को आवश्यक प्रशिक्षण व अनुमति प्रणाली लागू की जाए।

यह घटना मासूमों की सुरक्षा और जानवरों के प्रति जिम्मेदारी पर गहरी छाप छोड़ती है। पूरे समाज को चाहिए कि वह इस विषय पर संवेदनशील होकर पालतू जानवरों के पालन-पोषण को नियंत्रित करे और ऐसी दर्दनाक घटनाओं को पुनः होने से रोके।

गुजरात के अहमदाबाद के हाथीजन इलाके में एक दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पालतू कुत्ते ने मासूम 4 महीने की बच्ची पर हमला कर उसे नोंच-नोंच कर मार डाला। कुत्ते के इस हमले में बच्ची की मौसी भी गंभीर रूप से घायल हो गईं, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा था लेकिन उनकी भी मौत हो गई। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है।

घटना का पूरा विवरण

यह हादसा हाथीजन क्षेत्र के राधे रेजिडेंसी में हुआ। घटना उस वक्त घटी जब एक युवती अपने पालतू रोटवीलर कुत्ते के साथ बाहर निकली थी। बताया गया है कि युवती फोन पर बात कर रही थी, इसी दौरान कुत्ता उसके हाथों से छूट गया और अचानक खूंखार हो गया। उसने खेल रहे बच्चों में से एक 4 महीने की मासूम बच्ची पर हमला कर दिया।

बच्चों की चीख-पुकार सुनकर बच्ची की मौसी मौके पर आई तो उसने मासूम को बचाने की कोशिश की, लेकिन रोटवीलर ने उस पर भी हमला कर दिया। मौसी गंभीर रूप से घायल हो गईं और अस्पताल में भर्ती कराई गईं, जहां इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई।

पुलिस और नगर निगम की कार्रवाई

घटना के बाद मृतक बच्ची के परिवार में कोहराम मच गया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कुत्ते के मालिक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। अहमदाबाद नगर निगम की सीएनसीडी विभाग की टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए खूंखार कुत्ते को पिंजरे में बंद कर दिया है।

रोटवीलर और अन्य आक्रामक नस्लों के कुत्तों से सावधानी जरूरी

जानकारी के मुताबिक, रोटवीलर कुत्ते आक्रामक नस्ल में आते हैं। इसके अलावा पिटबुल, पोमेरेनियन, जर्मन शेफर्ड और डोबर्मन जैसी नस्लें भी आक्रामक मानी जाती हैं। पशु चिकित्सक और विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि इन नस्लों के कुत्तों को पालते वक्त विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे कुत्तों को उचित प्रशिक्षण देना आवश्यक है ताकि वे समाज के लिए खतरा न बनें। यदि कुत्ते में अत्यधिक आक्रामकता दिखे तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। पहली बार कुत्ता पालने वाले लोगों को इन नस्लों से बचना चाहिए। आक्रामक व्यवहार के मामलों में व्यवहार विशेषज्ञों की मदद लेना भी जरूरी होता है।

जागरूकता और जिम्मेदारी की जरूरत

इस हादसे ने साफ कर दिया है कि पालतू जानवरों के प्रति जिम्मेदारी और सतर्कता बेहद जरूरी है। मालिकों को चाहिए कि वे अपने पालतू कुत्तों को हमेशा नियंत्रित रखें और उन्हें बाहर निकालते वक्त किसी भी स्थिति में सावधानी बरतें ताकि ऐसी जानलेवा घटनाएं दोबारा न हों।

यह दुखद घटना अहमदाबाद के हाथीजन इलाके की जनता के लिए एक चेतावनी है कि पालतू जानवरों के साथ सुरक्षा के उपायों को लेकर गंभीरता जरूरी है। वहीं, प्रशासन से भी मांग की जा रही है कि कुत्तों के मालिकों की निगरानी कड़ी की जाए और ऐसे कुत्तों को पालने वाले लोगों को आवश्यक प्रशिक्षण व अनुमति प्रणाली लागू की जाए।

यह घटना मासूमों की सुरक्षा और जानवरों के प्रति जिम्मेदारी पर गहरी छाप छोड़ती है। पूरे समाज को चाहिए कि वह इस विषय पर संवेदनशील होकर पालतू जानवरों के पालन-पोषण को नियंत्रित करे और ऐसी दर्दनाक घटनाओं को पुनः होने से रोके।

गुजरात के अहमदाबाद के हाथीजन इलाके में एक दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पालतू कुत्ते ने मासूम 4 महीने की बच्ची पर हमला कर उसे नोंच-नोंच कर मार डाला। कुत्ते के इस हमले में बच्ची की मौसी भी गंभीर रूप से घायल हो गईं, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा था लेकिन उनकी भी मौत हो गई। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है।

घटना का पूरा विवरण

यह हादसा हाथीजन क्षेत्र के राधे रेजिडेंसी में हुआ। घटना उस वक्त घटी जब एक युवती अपने पालतू रोटवीलर कुत्ते के साथ बाहर निकली थी। बताया गया है कि युवती फोन पर बात कर रही थी, इसी दौरान कुत्ता उसके हाथों से छूट गया और अचानक खूंखार हो गया। उसने खेल रहे बच्चों में से एक 4 महीने की मासूम बच्ची पर हमला कर दिया।

बच्चों की चीख-पुकार सुनकर बच्ची की मौसी मौके पर आई तो उसने मासूम को बचाने की कोशिश की, लेकिन रोटवीलर ने उस पर भी हमला कर दिया। मौसी गंभीर रूप से घायल हो गईं और अस्पताल में भर्ती कराई गईं, जहां इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई।

पुलिस और नगर निगम की कार्रवाई

घटना के बाद मृतक बच्ची के परिवार में कोहराम मच गया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कुत्ते के मालिक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। अहमदाबाद नगर निगम की सीएनसीडी विभाग की टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए खूंखार कुत्ते को पिंजरे में बंद कर दिया है।

रोटवीलर और अन्य आक्रामक नस्लों के कुत्तों से सावधानी जरूरी

जानकारी के मुताबिक, रोटवीलर कुत्ते आक्रामक नस्ल में आते हैं। इसके अलावा पिटबुल, पोमेरेनियन, जर्मन शेफर्ड और डोबर्मन जैसी नस्लें भी आक्रामक मानी जाती हैं। पशु चिकित्सक और विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि इन नस्लों के कुत्तों को पालते वक्त विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे कुत्तों को उचित प्रशिक्षण देना आवश्यक है ताकि वे समाज के लिए खतरा न बनें। यदि कुत्ते में अत्यधिक आक्रामकता दिखे तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। पहली बार कुत्ता पालने वाले लोगों को इन नस्लों से बचना चाहिए। आक्रामक व्यवहार के मामलों में व्यवहार विशेषज्ञों की मदद लेना भी जरूरी होता है।

जागरूकता और जिम्मेदारी की जरूरत

इस हादसे ने साफ कर दिया है कि पालतू जानवरों के प्रति जिम्मेदारी और सतर्कता बेहद जरूरी है। मालिकों को चाहिए कि वे अपने पालतू कुत्तों को हमेशा नियंत्रित रखें और उन्हें बाहर निकालते वक्त किसी भी स्थिति में सावधानी बरतें ताकि ऐसी जानलेवा घटनाएं दोबारा न हों।

यह दुखद घटना अहमदाबाद के हाथीजन इलाके की जनता के लिए एक चेतावनी है कि पालतू जानवरों के साथ सुरक्षा के उपायों को लेकर गंभीरता जरूरी है। वहीं, प्रशासन से भी मांग की जा रही है कि कुत्तों के मालिकों की निगरानी कड़ी की जाए और ऐसे कुत्तों को पालने वाले लोगों को आवश्यक प्रशिक्षण व अनुमति प्रणाली लागू की जाए।

यह घटना मासूमों की सुरक्षा और जानवरों के प्रति जिम्मेदारी पर गहरी छाप छोड़ती है। पूरे समाज को चाहिए कि वह इस विषय पर संवेदनशील होकर पालतू जानवरों के पालन-पोषण को नियंत्रित करे और ऐसी दर्दनाक घटनाओं को पुनः होने से रोके।

गुजरात के अहमदाबाद के हाथीजन इलाके में एक दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पालतू कुत्ते ने मासूम 4 महीने की बच्ची पर हमला कर उसे नोंच-नोंच कर मार डाला। कुत्ते के इस हमले में बच्ची की मौसी भी गंभीर रूप से घायल हो गईं, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा था लेकिन उनकी भी मौत हो गई। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है।

घटना का पूरा विवरण

यह हादसा हाथीजन क्षेत्र के राधे रेजिडेंसी में हुआ। घटना उस वक्त घटी जब एक युवती अपने पालतू रोटवीलर कुत्ते के साथ बाहर निकली थी। बताया गया है कि युवती फोन पर बात कर रही थी, इसी दौरान कुत्ता उसके हाथों से छूट गया और अचानक खूंखार हो गया। उसने खेल रहे बच्चों में से एक 4 महीने की मासूम बच्ची पर हमला कर दिया।

बच्चों की चीख-पुकार सुनकर बच्ची की मौसी मौके पर आई तो उसने मासूम को बचाने की कोशिश की, लेकिन रोटवीलर ने उस पर भी हमला कर दिया। मौसी गंभीर रूप से घायल हो गईं और अस्पताल में भर्ती कराई गईं, जहां इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई।

पुलिस और नगर निगम की कार्रवाई

घटना के बाद मृतक बच्ची के परिवार में कोहराम मच गया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कुत्ते के मालिक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। अहमदाबाद नगर निगम की सीएनसीडी विभाग की टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए खूंखार कुत्ते को पिंजरे में बंद कर दिया है।

रोटवीलर और अन्य आक्रामक नस्लों के कुत्तों से सावधानी जरूरी

जानकारी के मुताबिक, रोटवीलर कुत्ते आक्रामक नस्ल में आते हैं। इसके अलावा पिटबुल, पोमेरेनियन, जर्मन शेफर्ड और डोबर्मन जैसी नस्लें भी आक्रामक मानी जाती हैं। पशु चिकित्सक और विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि इन नस्लों के कुत्तों को पालते वक्त विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे कुत्तों को उचित प्रशिक्षण देना आवश्यक है ताकि वे समाज के लिए खतरा न बनें। यदि कुत्ते में अत्यधिक आक्रामकता दिखे तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। पहली बार कुत्ता पालने वाले लोगों को इन नस्लों से बचना चाहिए। आक्रामक व्यवहार के मामलों में व्यवहार विशेषज्ञों की मदद लेना भी जरूरी होता है।

जागरूकता और जिम्मेदारी की जरूरत

इस हादसे ने साफ कर दिया है कि पालतू जानवरों के प्रति जिम्मेदारी और सतर्कता बेहद जरूरी है। मालिकों को चाहिए कि वे अपने पालतू कुत्तों को हमेशा नियंत्रित रखें और उन्हें बाहर निकालते वक्त किसी भी स्थिति में सावधानी बरतें ताकि ऐसी जानलेवा घटनाएं दोबारा न हों।

यह दुखद घटना अहमदाबाद के हाथीजन इलाके की जनता के लिए एक चेतावनी है कि पालतू जानवरों के साथ सुरक्षा के उपायों को लेकर गंभीरता जरूरी है। वहीं, प्रशासन से भी मांग की जा रही है कि कुत्तों के मालिकों की निगरानी कड़ी की जाए और ऐसे कुत्तों को पालने वाले लोगों को आवश्यक प्रशिक्षण व अनुमति प्रणाली लागू की जाए।

यह घटना मासूमों की सुरक्षा और जानवरों के प्रति जिम्मेदारी पर गहरी छाप छोड़ती है। पूरे समाज को चाहिए कि वह इस विषय पर संवेदनशील होकर पालतू जानवरों के पालन-पोषण को नियंत्रित करे और ऐसी दर्दनाक घटनाओं को पुनः होने से रोके।

गुजरात के अहमदाबाद के हाथीजन इलाके में एक दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पालतू कुत्ते ने मासूम 4 महीने की बच्ची पर हमला कर उसे नोंच-नोंच कर मार डाला। कुत्ते के इस हमले में बच्ची की मौसी भी गंभीर रूप से घायल हो गईं, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा था लेकिन उनकी भी मौत हो गई। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है।

घटना का पूरा विवरण

यह हादसा हाथीजन क्षेत्र के राधे रेजिडेंसी में हुआ। घटना उस वक्त घटी जब एक युवती अपने पालतू रोटवीलर कुत्ते के साथ बाहर निकली थी। बताया गया है कि युवती फोन पर बात कर रही थी, इसी दौरान कुत्ता उसके हाथों से छूट गया और अचानक खूंखार हो गया। उसने खेल रहे बच्चों में से एक 4 महीने की मासूम बच्ची पर हमला कर दिया।

बच्चों की चीख-पुकार सुनकर बच्ची की मौसी मौके पर आई तो उसने मासूम को बचाने की कोशिश की, लेकिन रोटवीलर ने उस पर भी हमला कर दिया। मौसी गंभीर रूप से घायल हो गईं और अस्पताल में भर्ती कराई गईं, जहां इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई।

पुलिस और नगर निगम की कार्रवाई

घटना के बाद मृतक बच्ची के परिवार में कोहराम मच गया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कुत्ते के मालिक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। अहमदाबाद नगर निगम की सीएनसीडी विभाग की टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए खूंखार कुत्ते को पिंजरे में बंद कर दिया है।

रोटवीलर और अन्य आक्रामक नस्लों के कुत्तों से सावधानी जरूरी

जानकारी के मुताबिक, रोटवीलर कुत्ते आक्रामक नस्ल में आते हैं। इसके अलावा पिटबुल, पोमेरेनियन, जर्मन शेफर्ड और डोबर्मन जैसी नस्लें भी आक्रामक मानी जाती हैं। पशु चिकित्सक और विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि इन नस्लों के कुत्तों को पालते वक्त विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे कुत्तों को उचित प्रशिक्षण देना आवश्यक है ताकि वे समाज के लिए खतरा न बनें। यदि कुत्ते में अत्यधिक आक्रामकता दिखे तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। पहली बार कुत्ता पालने वाले लोगों को इन नस्लों से बचना चाहिए। आक्रामक व्यवहार के मामलों में व्यवहार विशेषज्ञों की मदद लेना भी जरूरी होता है।

जागरूकता और जिम्मेदारी की जरूरत

इस हादसे ने साफ कर दिया है कि पालतू जानवरों के प्रति जिम्मेदारी और सतर्कता बेहद जरूरी है। मालिकों को चाहिए कि वे अपने पालतू कुत्तों को हमेशा नियंत्रित रखें और उन्हें बाहर निकालते वक्त किसी भी स्थिति में सावधानी बरतें ताकि ऐसी जानलेवा घटनाएं दोबारा न हों।

यह दुखद घटना अहमदाबाद के हाथीजन इलाके की जनता के लिए एक चेतावनी है कि पालतू जानवरों के साथ सुरक्षा के उपायों को लेकर गंभीरता जरूरी है। वहीं, प्रशासन से भी मांग की जा रही है कि कुत्तों के मालिकों की निगरानी कड़ी की जाए और ऐसे कुत्तों को पालने वाले लोगों को आवश्यक प्रशिक्षण व अनुमति प्रणाली लागू की जाए।

यह घटना मासूमों की सुरक्षा और जानवरों के प्रति जिम्मेदारी पर गहरी छाप छोड़ती है। पूरे समाज को चाहिए कि वह इस विषय पर संवेदनशील होकर पालतू जानवरों के पालन-पोषण को नियंत्रित करे और ऐसी दर्दनाक घटनाओं को पुनः होने से रोके।

गुजरात के अहमदाबाद के हाथीजन इलाके में एक दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पालतू कुत्ते ने मासूम 4 महीने की बच्ची पर हमला कर उसे नोंच-नोंच कर मार डाला। कुत्ते के इस हमले में बच्ची की मौसी भी गंभीर रूप से घायल हो गईं, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा था लेकिन उनकी भी मौत हो गई। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है।

घटना का पूरा विवरण

यह हादसा हाथीजन क्षेत्र के राधे रेजिडेंसी में हुआ। घटना उस वक्त घटी जब एक युवती अपने पालतू रोटवीलर कुत्ते के साथ बाहर निकली थी। बताया गया है कि युवती फोन पर बात कर रही थी, इसी दौरान कुत्ता उसके हाथों से छूट गया और अचानक खूंखार हो गया। उसने खेल रहे बच्चों में से एक 4 महीने की मासूम बच्ची पर हमला कर दिया।

बच्चों की चीख-पुकार सुनकर बच्ची की मौसी मौके पर आई तो उसने मासूम को बचाने की कोशिश की, लेकिन रोटवीलर ने उस पर भी हमला कर दिया। मौसी गंभीर रूप से घायल हो गईं और अस्पताल में भर्ती कराई गईं, जहां इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई।

पुलिस और नगर निगम की कार्रवाई

घटना के बाद मृतक बच्ची के परिवार में कोहराम मच गया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कुत्ते के मालिक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। अहमदाबाद नगर निगम की सीएनसीडी विभाग की टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए खूंखार कुत्ते को पिंजरे में बंद कर दिया है।

रोटवीलर और अन्य आक्रामक नस्लों के कुत्तों से सावधानी जरूरी

जानकारी के मुताबिक, रोटवीलर कुत्ते आक्रामक नस्ल में आते हैं। इसके अलावा पिटबुल, पोमेरेनियन, जर्मन शेफर्ड और डोबर्मन जैसी नस्लें भी आक्रामक मानी जाती हैं। पशु चिकित्सक और विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि इन नस्लों के कुत्तों को पालते वक्त विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे कुत्तों को उचित प्रशिक्षण देना आवश्यक है ताकि वे समाज के लिए खतरा न बनें। यदि कुत्ते में अत्यधिक आक्रामकता दिखे तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। पहली बार कुत्ता पालने वाले लोगों को इन नस्लों से बचना चाहिए। आक्रामक व्यवहार के मामलों में व्यवहार विशेषज्ञों की मदद लेना भी जरूरी होता है।

जागरूकता और जिम्मेदारी की जरूरत

इस हादसे ने साफ कर दिया है कि पालतू जानवरों के प्रति जिम्मेदारी और सतर्कता बेहद जरूरी है। मालिकों को चाहिए कि वे अपने पालतू कुत्तों को हमेशा नियंत्रित रखें और उन्हें बाहर निकालते वक्त किसी भी स्थिति में सावधानी बरतें ताकि ऐसी जानलेवा घटनाएं दोबारा न हों।

यह दुखद घटना अहमदाबाद के हाथीजन इलाके की जनता के लिए एक चेतावनी है कि पालतू जानवरों के साथ सुरक्षा के उपायों को लेकर गंभीरता जरूरी है। वहीं, प्रशासन से भी मांग की जा रही है कि कुत्तों के मालिकों की निगरानी कड़ी की जाए और ऐसे कुत्तों को पालने वाले लोगों को आवश्यक प्रशिक्षण व अनुमति प्रणाली लागू की जाए।

यह घटना मासूमों की सुरक्षा और जानवरों के प्रति जिम्मेदारी पर गहरी छाप छोड़ती है। पूरे समाज को चाहिए कि वह इस विषय पर संवेदनशील होकर पालतू जानवरों के पालन-पोषण को नियंत्रित करे और ऐसी दर्दनाक घटनाओं को पुनः होने से रोके।

गुजरात के अहमदाबाद के हाथीजन इलाके में एक दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पालतू कुत्ते ने मासूम 4 महीने की बच्ची पर हमला कर उसे नोंच-नोंच कर मार डाला। कुत्ते के इस हमले में बच्ची की मौसी भी गंभीर रूप से घायल हो गईं, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा था लेकिन उनकी भी मौत हो गई। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है।

घटना का पूरा विवरण

यह हादसा हाथीजन क्षेत्र के राधे रेजिडेंसी में हुआ। घटना उस वक्त घटी जब एक युवती अपने पालतू रोटवीलर कुत्ते के साथ बाहर निकली थी। बताया गया है कि युवती फोन पर बात कर रही थी, इसी दौरान कुत्ता उसके हाथों से छूट गया और अचानक खूंखार हो गया। उसने खेल रहे बच्चों में से एक 4 महीने की मासूम बच्ची पर हमला कर दिया।

बच्चों की चीख-पुकार सुनकर बच्ची की मौसी मौके पर आई तो उसने मासूम को बचाने की कोशिश की, लेकिन रोटवीलर ने उस पर भी हमला कर दिया। मौसी गंभीर रूप से घायल हो गईं और अस्पताल में भर्ती कराई गईं, जहां इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई।

पुलिस और नगर निगम की कार्रवाई

घटना के बाद मृतक बच्ची के परिवार में कोहराम मच गया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कुत्ते के मालिक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। अहमदाबाद नगर निगम की सीएनसीडी विभाग की टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए खूंखार कुत्ते को पिंजरे में बंद कर दिया है।

रोटवीलर और अन्य आक्रामक नस्लों के कुत्तों से सावधानी जरूरी

जानकारी के मुताबिक, रोटवीलर कुत्ते आक्रामक नस्ल में आते हैं। इसके अलावा पिटबुल, पोमेरेनियन, जर्मन शेफर्ड और डोबर्मन जैसी नस्लें भी आक्रामक मानी जाती हैं। पशु चिकित्सक और विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि इन नस्लों के कुत्तों को पालते वक्त विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे कुत्तों को उचित प्रशिक्षण देना आवश्यक है ताकि वे समाज के लिए खतरा न बनें। यदि कुत्ते में अत्यधिक आक्रामकता दिखे तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। पहली बार कुत्ता पालने वाले लोगों को इन नस्लों से बचना चाहिए। आक्रामक व्यवहार के मामलों में व्यवहार विशेषज्ञों की मदद लेना भी जरूरी होता है।

जागरूकता और जिम्मेदारी की जरूरत

इस हादसे ने साफ कर दिया है कि पालतू जानवरों के प्रति जिम्मेदारी और सतर्कता बेहद जरूरी है। मालिकों को चाहिए कि वे अपने पालतू कुत्तों को हमेशा नियंत्रित रखें और उन्हें बाहर निकालते वक्त किसी भी स्थिति में सावधानी बरतें ताकि ऐसी जानलेवा घटनाएं दोबारा न हों।

यह दुखद घटना अहमदाबाद के हाथीजन इलाके की जनता के लिए एक चेतावनी है कि पालतू जानवरों के साथ सुरक्षा के उपायों को लेकर गंभीरता जरूरी है। वहीं, प्रशासन से भी मांग की जा रही है कि कुत्तों के मालिकों की निगरानी कड़ी की जाए और ऐसे कुत्तों को पालने वाले लोगों को आवश्यक प्रशिक्षण व अनुमति प्रणाली लागू की जाए।

यह घटना मासूमों की सुरक्षा और जानवरों के प्रति जिम्मेदारी पर गहरी छाप छोड़ती है। पूरे समाज को चाहिए कि वह इस विषय पर संवेदनशील होकर पालतू जानवरों के पालन-पोषण को नियंत्रित करे और ऐसी दर्दनाक घटनाओं को पुनः होने से रोके।

गुजरात के अहमदाबाद के हाथीजन इलाके में एक दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पालतू कुत्ते ने मासूम 4 महीने की बच्ची पर हमला कर उसे नोंच-नोंच कर मार डाला। कुत्ते के इस हमले में बच्ची की मौसी भी गंभीर रूप से घायल हो गईं, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा था लेकिन उनकी भी मौत हो गई। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है।

घटना का पूरा विवरण

यह हादसा हाथीजन क्षेत्र के राधे रेजिडेंसी में हुआ। घटना उस वक्त घटी जब एक युवती अपने पालतू रोटवीलर कुत्ते के साथ बाहर निकली थी। बताया गया है कि युवती फोन पर बात कर रही थी, इसी दौरान कुत्ता उसके हाथों से छूट गया और अचानक खूंखार हो गया। उसने खेल रहे बच्चों में से एक 4 महीने की मासूम बच्ची पर हमला कर दिया।

बच्चों की चीख-पुकार सुनकर बच्ची की मौसी मौके पर आई तो उसने मासूम को बचाने की कोशिश की, लेकिन रोटवीलर ने उस पर भी हमला कर दिया। मौसी गंभीर रूप से घायल हो गईं और अस्पताल में भर्ती कराई गईं, जहां इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई।

पुलिस और नगर निगम की कार्रवाई

घटना के बाद मृतक बच्ची के परिवार में कोहराम मच गया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कुत्ते के मालिक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। अहमदाबाद नगर निगम की सीएनसीडी विभाग की टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए खूंखार कुत्ते को पिंजरे में बंद कर दिया है।

रोटवीलर और अन्य आक्रामक नस्लों के कुत्तों से सावधानी जरूरी

जानकारी के मुताबिक, रोटवीलर कुत्ते आक्रामक नस्ल में आते हैं। इसके अलावा पिटबुल, पोमेरेनियन, जर्मन शेफर्ड और डोबर्मन जैसी नस्लें भी आक्रामक मानी जाती हैं। पशु चिकित्सक और विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि इन नस्लों के कुत्तों को पालते वक्त विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे कुत्तों को उचित प्रशिक्षण देना आवश्यक है ताकि वे समाज के लिए खतरा न बनें। यदि कुत्ते में अत्यधिक आक्रामकता दिखे तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। पहली बार कुत्ता पालने वाले लोगों को इन नस्लों से बचना चाहिए। आक्रामक व्यवहार के मामलों में व्यवहार विशेषज्ञों की मदद लेना भी जरूरी होता है।

जागरूकता और जिम्मेदारी की जरूरत

इस हादसे ने साफ कर दिया है कि पालतू जानवरों के प्रति जिम्मेदारी और सतर्कता बेहद जरूरी है। मालिकों को चाहिए कि वे अपने पालतू कुत्तों को हमेशा नियंत्रित रखें और उन्हें बाहर निकालते वक्त किसी भी स्थिति में सावधानी बरतें ताकि ऐसी जानलेवा घटनाएं दोबारा न हों।

यह दुखद घटना अहमदाबाद के हाथीजन इलाके की जनता के लिए एक चेतावनी है कि पालतू जानवरों के साथ सुरक्षा के उपायों को लेकर गंभीरता जरूरी है। वहीं, प्रशासन से भी मांग की जा रही है कि कुत्तों के मालिकों की निगरानी कड़ी की जाए और ऐसे कुत्तों को पालने वाले लोगों को आवश्यक प्रशिक्षण व अनुमति प्रणाली लागू की जाए।

यह घटना मासूमों की सुरक्षा और जानवरों के प्रति जिम्मेदारी पर गहरी छाप छोड़ती है। पूरे समाज को चाहिए कि वह इस विषय पर संवेदनशील होकर पालतू जानवरों के पालन-पोषण को नियंत्रित करे और ऐसी दर्दनाक घटनाओं को पुनः होने से रोके।

गुजरात के अहमदाबाद के हाथीजन इलाके में एक दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पालतू कुत्ते ने मासूम 4 महीने की बच्ची पर हमला कर उसे नोंच-नोंच कर मार डाला। कुत्ते के इस हमले में बच्ची की मौसी भी गंभीर रूप से घायल हो गईं, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा था लेकिन उनकी भी मौत हो गई। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है।

घटना का पूरा विवरण

यह हादसा हाथीजन क्षेत्र के राधे रेजिडेंसी में हुआ। घटना उस वक्त घटी जब एक युवती अपने पालतू रोटवीलर कुत्ते के साथ बाहर निकली थी। बताया गया है कि युवती फोन पर बात कर रही थी, इसी दौरान कुत्ता उसके हाथों से छूट गया और अचानक खूंखार हो गया। उसने खेल रहे बच्चों में से एक 4 महीने की मासूम बच्ची पर हमला कर दिया।

बच्चों की चीख-पुकार सुनकर बच्ची की मौसी मौके पर आई तो उसने मासूम को बचाने की कोशिश की, लेकिन रोटवीलर ने उस पर भी हमला कर दिया। मौसी गंभीर रूप से घायल हो गईं और अस्पताल में भर्ती कराई गईं, जहां इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई।

पुलिस और नगर निगम की कार्रवाई

घटना के बाद मृतक बच्ची के परिवार में कोहराम मच गया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कुत्ते के मालिक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। अहमदाबाद नगर निगम की सीएनसीडी विभाग की टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए खूंखार कुत्ते को पिंजरे में बंद कर दिया है।

रोटवीलर और अन्य आक्रामक नस्लों के कुत्तों से सावधानी जरूरी

जानकारी के मुताबिक, रोटवीलर कुत्ते आक्रामक नस्ल में आते हैं। इसके अलावा पिटबुल, पोमेरेनियन, जर्मन शेफर्ड और डोबर्मन जैसी नस्लें भी आक्रामक मानी जाती हैं। पशु चिकित्सक और विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि इन नस्लों के कुत्तों को पालते वक्त विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे कुत्तों को उचित प्रशिक्षण देना आवश्यक है ताकि वे समाज के लिए खतरा न बनें। यदि कुत्ते में अत्यधिक आक्रामकता दिखे तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। पहली बार कुत्ता पालने वाले लोगों को इन नस्लों से बचना चाहिए। आक्रामक व्यवहार के मामलों में व्यवहार विशेषज्ञों की मदद लेना भी जरूरी होता है।

जागरूकता और जिम्मेदारी की जरूरत

इस हादसे ने साफ कर दिया है कि पालतू जानवरों के प्रति जिम्मेदारी और सतर्कता बेहद जरूरी है। मालिकों को चाहिए कि वे अपने पालतू कुत्तों को हमेशा नियंत्रित रखें और उन्हें बाहर निकालते वक्त किसी भी स्थिति में सावधानी बरतें ताकि ऐसी जानलेवा घटनाएं दोबारा न हों।

यह दुखद घटना अहमदाबाद के हाथीजन इलाके की जनता के लिए एक चेतावनी है कि पालतू जानवरों के साथ सुरक्षा के उपायों को लेकर गंभीरता जरूरी है। वहीं, प्रशासन से भी मांग की जा रही है कि कुत्तों के मालिकों की निगरानी कड़ी की जाए और ऐसे कुत्तों को पालने वाले लोगों को आवश्यक प्रशिक्षण व अनुमति प्रणाली लागू की जाए।

यह घटना मासूमों की सुरक्षा और जानवरों के प्रति जिम्मेदारी पर गहरी छाप छोड़ती है। पूरे समाज को चाहिए कि वह इस विषय पर संवेदनशील होकर पालतू जानवरों के पालन-पोषण को नियंत्रित करे और ऐसी दर्दनाक घटनाओं को पुनः होने से रोके।

गुजरात के अहमदाबाद के हाथीजन इलाके में एक दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पालतू कुत्ते ने मासूम 4 महीने की बच्ची पर हमला कर उसे नोंच-नोंच कर मार डाला। कुत्ते के इस हमले में बच्ची की मौसी भी गंभीर रूप से घायल हो गईं, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा था लेकिन उनकी भी मौत हो गई। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है।

घटना का पूरा विवरण

यह हादसा हाथीजन क्षेत्र के राधे रेजिडेंसी में हुआ। घटना उस वक्त घटी जब एक युवती अपने पालतू रोटवीलर कुत्ते के साथ बाहर निकली थी। बताया गया है कि युवती फोन पर बात कर रही थी, इसी दौरान कुत्ता उसके हाथों से छूट गया और अचानक खूंखार हो गया। उसने खेल रहे बच्चों में से एक 4 महीने की मासूम बच्ची पर हमला कर दिया।

बच्चों की चीख-पुकार सुनकर बच्ची की मौसी मौके पर आई तो उसने मासूम को बचाने की कोशिश की, लेकिन रोटवीलर ने उस पर भी हमला कर दिया। मौसी गंभीर रूप से घायल हो गईं और अस्पताल में भर्ती कराई गईं, जहां इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई।

पुलिस और नगर निगम की कार्रवाई

घटना के बाद मृतक बच्ची के परिवार में कोहराम मच गया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कुत्ते के मालिक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। अहमदाबाद नगर निगम की सीएनसीडी विभाग की टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए खूंखार कुत्ते को पिंजरे में बंद कर दिया है।

रोटवीलर और अन्य आक्रामक नस्लों के कुत्तों से सावधानी जरूरी

जानकारी के मुताबिक, रोटवीलर कुत्ते आक्रामक नस्ल में आते हैं। इसके अलावा पिटबुल, पोमेरेनियन, जर्मन शेफर्ड और डोबर्मन जैसी नस्लें भी आक्रामक मानी जाती हैं। पशु चिकित्सक और विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि इन नस्लों के कुत्तों को पालते वक्त विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे कुत्तों को उचित प्रशिक्षण देना आवश्यक है ताकि वे समाज के लिए खतरा न बनें। यदि कुत्ते में अत्यधिक आक्रामकता दिखे तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। पहली बार कुत्ता पालने वाले लोगों को इन नस्लों से बचना चाहिए। आक्रामक व्यवहार के मामलों में व्यवहार विशेषज्ञों की मदद लेना भी जरूरी होता है।

जागरूकता और जिम्मेदारी की जरूरत

इस हादसे ने साफ कर दिया है कि पालतू जानवरों के प्रति जिम्मेदारी और सतर्कता बेहद जरूरी है। मालिकों को चाहिए कि वे अपने पालतू कुत्तों को हमेशा नियंत्रित रखें और उन्हें बाहर निकालते वक्त किसी भी स्थिति में सावधानी बरतें ताकि ऐसी जानलेवा घटनाएं दोबारा न हों।

यह दुखद घटना अहमदाबाद के हाथीजन इलाके की जनता के लिए एक चेतावनी है कि पालतू जानवरों के साथ सुरक्षा के उपायों को लेकर गंभीरता जरूरी है। वहीं, प्रशासन से भी मांग की जा रही है कि कुत्तों के मालिकों की निगरानी कड़ी की जाए और ऐसे कुत्तों को पालने वाले लोगों को आवश्यक प्रशिक्षण व अनुमति प्रणाली लागू की जाए।

यह घटना मासूमों की सुरक्षा और जानवरों के प्रति जिम्मेदारी पर गहरी छाप छोड़ती है। पूरे समाज को चाहिए कि वह इस विषय पर संवेदनशील होकर पालतू जानवरों के पालन-पोषण को नियंत्रित करे और ऐसी दर्दनाक घटनाओं को पुनः होने से रोके।

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